Rumored Buzz on Shiv chaisa
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर more info मध्य कमल हैं जैसे॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
लिङ्गाष्टकम्